Rent Agreement Registration : हमारे भारत देश में किराए पर घर देने के नियमों में 2025 में बड़ा बदलाव आए हैं। बता दे की नया किराया कानून लागू होने के बाद मकान मालिकों के लिए अब रेंट एग्रीमेंट पंजीकरण करवाना बहुत ही अनिवार्य कर दिया गया है।
वहीं पहले रेंट एग्रीमेंट बिना पंजीकरण के मान्य माने जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं देखने को मिलेगा। बता दे कि इस कदम का मकसद मकान मालिक और किराएदारों दोनों के अधिकारों को सुरक्षित बनाना और विवादों को कम करने हैं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
आप सभी को बता दे की नए कानून के तहत रेंट एग्रीमेंट डिजिटल तरीके से स्टंप किए जाएंगे। जिससे दस्तावेजों की प्रमाणिकता और सुरक्षा बढ़ेगें। बता दे कि अब किराएदारी की अवधि चाहे 11 महीने हो या उससे अधिक रेंट एग्रीमेंट का पंजीकरण करना बहुत ही जरूरी कर दिया गया है।
वहीं बिना रजिस्ट्रेशन रेंट पर घर देना गैर कानूनी माना जाएगा। और ₹5000 तक का जुर्माना भी वसूले जा सकते हैं। वही इसे झूठ और नकली दस्तावेजों की संख्या भी दूर होगें।
Rent Agreement Registration : नया किराया कानून 2025 का मुख्य विषय
बता दे की 2025 में लागू हुए नए किराए कानून के अनुसार आप रेंट एग्रीमेंट का पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। वही मकान मालिक और किराएदार को रेंट एग्रीमेंट को न केवल स्टांप पेपर लिखवाना पड़ेगा बल्कि उसे डिजिटल स्टाफिंग के जरिए वैध बनाने होंगे। बता दे कि यह पंजीकरण स्थानीय सरकार के पास ऑनलाइन या संबंधित अप रजिस्टार कार्यालय में किए जा सकते हैं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
बता दे कि इस नियम का पालन न करने पर ₹5000 का जुर्माना वसूले जा सकते हैं। वही यह नियम पूरे भारत देश में लागू होने वाले हैं हालांकि कुछ औद्योगिक कंपनियों एवं PSU को इससे छूट मिल सकते हैं।
बता दे की मकान मालिक को अपेरेंट एग्रीमेंट की सभी शर्तें जैसे किराया राशि, सुरक्षा जमा, फिक्स्ड अवधि, नोटिस अवधि आदि स्पष्ट करने होंगे।
Rent Agreement Registration : रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन के फायदे एवं मुख्य उद्देश्य क्या है
कानूनी सुरक्षा
बता दे की पंजीकृत रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार दोनों के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान करते हैं। वहीं इससे किसी भी विवाद की स्थिति में कोर्ट में प्रमाणिक डॉक्यूमेंट प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
धोखाधड़ी पर नियंत्रण
बता दे की सभी डॉक्यूमेंट अब डिजिटल रूप से सरकार के डेटाबेस में हो होते हैं। जिससे नकली या झूठ एग्रीमेंट बनाने की संभावना कम हो जाते हैं।
पारदर्शिता और स्पष्ट नियम
बता दे की किराया, सुरक्षा जमा और किराया वृद्धि की शर्तें और स्पष्ट होते हैं। वही ऐसा होने से गलतफहमी और विवाद कम होते हैं।
शीघ्र विवाद निवारण
बता दे की रेंट ट्रिब्यूनल जैसे विशेष मंचों के जरिए विवादों का 60 दिनों के अंदर समाधान होते है।
Rent Agreement Registration : रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन कैसे करें, जानिए नीचे की लेख में
बता दे की रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन के लिए मकान मालिक और किरायेदारों को निम्नलिखित डॉक्यूमेंट जमा करना पड़ेगा जो नीचे निम्न है।
- मकान मालिक और किराएदार की पहचान पत्र ( आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि)।
- पता प्रमाण पत्र
- मकान का डॉक्यूमेंट ( सेल डीड या प्रॉपर्टी टैक्स रसीद)
- किराया समझौते की ड्राफ्ट कॉपी
- दो गवाहों की पहचान पत्र और फोटो
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में निम्न काम होता है
- बता दे की सबसे पहले दोनों पक्षों द्वारा रेंट एग्रीमेंट का मसौदा तैयार करना।
- समझौता को स्टांप पेपर या डिजिटल स्टांपिंग के माध्यम से वैध बनाना।
- संबंधित उप- रजिस्ट्रार आर कार्यालय में जाकर पंजीकरण करवाना।
- दो पक्षों और दो गवाहों के सामने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना।
- वही पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना।
रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन 2025 के मुख्य नियम क्या है, जानिए नीचे की लेख में
- बता दे कि किसी भी रेंट एग्रीमेंट की अवधि 11 महीने से अधिक हो तो उसका पंजीकरण जरूर होता है।
- वही डिजिटल स्टांपिंग अनिवार्य है और स्टांपिंग शुल्क ऑनलाइन भरे जाएंगे
- बता दे की किराया बढ़ाने के लिए मकान मालिकों को किराएदार को 90 दिन पहले लिखित नोटिस देने पड़ेंगे।
- वहीं सुरक्षा जमा की अधिकतम सीमा 2 महीने की कारा तक रहेंगे।
- बता दे कि बिना पंजीकरण के किया गया रेंट एग्रीमेंट असंवैधानिक माने जाएंगे।
रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन 2025 : आपके लिए क्या मायने रखता है
बता दे कि इस नए नियम से मकान मालिकों और किरायेदारों दोनों को सुनिश्चित करना पड़ेगा की उनका रेंट एग्रीमेंट सही तरीके से रजिस्टर हो। वहीं इससे न केवल आपके अधिकार सुरक्षित रहेंगे बल्कि किसी भी विवाद की स्थिति में आपका बचाव मजबूत होंगे। वहीं डिजिटल स्टांपिंग से दस्तावेजों की सुरक्षा और विश्वसनीयता भी बढ़ेंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
आज के इस नए नियम में ध्यान रखने योग्य बातें
- बता दे की रेंट पर घर देने से पहले पंजीकरण न हो तो ₹5000 तक जुर्माना वसूला जाएगा।
- वही डिजिटल स्टांपिंग जरूरी, भौतिक कागज से समझौता अब पुराना तरीका
- बता दे की सुरक्षा जमा अधिनियम 2 महीने की कारा तक ही स्वीकार है।
- वहीं किराया वृद्धि पांच प्रतिशत से 10% सीमा में, साल में एक बार और नोटिस अनिवार्य।
- बता दे करंट विवाद निवारण के लिए विशेष ट्रिब्यूनल का प्रावधान।