Private School News : प्राइवेट स्कूलों की फीस लूट होगा अब बंद, सरकार ने लागू किए नए नियम।।

Private School News : अगर आपका भी बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है और आप स्कूलों के द्वारा बढ़ाए गए फीस से परेशान है तो यह खबर आपके लिए बहुत ही काम का होने वाला है। अतः इस खबर को अंत तक जरूर पढ़ते रहे ताकि आपको इस खबर में बताए गए पूरी जानकारी विस्तार से पता चल सके। आईए जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

बता दे की निजी स्कूलों की फीस लगातार बढ़ता चला जा रहा था। जिससे अभिभावकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वही अक्सर मनमाने तरीके से स्कूल फीस बढ़ा दिया जाता था और कोई पारदर्शिता नहीं था। बता दे कि अभिभावकों की शिकायतों और प्रदर्शन के चलते अब सरकार ने फीस बढ़ोतरी को रोकने और नियंत्रण करने के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं।

बता दे कि दिल्ली छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इस तरह के कानून लागू कर दिए गए हैं। जिनमें अभिभावकों के अधिकार पारदर्शिता और सिखाती प्रक्रिया को मजबूत किए गए हैं। आईए और जाते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

बता दे कि आप प्राइवेट स्कूल बिना सरकार की मंजूरी के फीस नहीं बढ़ा सकते हैं। वहीं इस ऐतिहासिक कलम से एक घर-घर में राहत की खबर बन गए हैं और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जागे हैं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

Private School News : प्राइवेट स्कूल फीस नियंत्रण की मुख्य बातें

बता दे की सरकार ने शिक्षा को व्यापार बनाने से रोकने के लिए कई सख्त नियम लागू कर दिए हैं। वहीं अब फीस बढ़ोतरी के लिए स्कूलों को जिला और राज्य स्तरीय समितियां से मंजूरी लेने पड़ेंगे। वहीं हर चार्ज -जैसे ट्यूशन फीस, बिल्डिंग फीस, एक्स्ट्रा एक्टिविटी स्पष्ट तौर पर बताए जाएंगे।

वहीं अभिभावकों को आप पूरी जानकारी और शिकायत दर्ज करने का अधिकार मिल गए हैं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

वही इस कानून के तहत फीस बढ़ाने के लिए न्यूनतम 6 महीने पहले प्रस्ताव देने पड़ेंगे और समितियां 3 महीने के अंदर फैलाएं लेंगे। बता दे की मनमानी तरीके से बड़े हुए चार्ज को लौटाना पड़ेगा।

वही नियमों के उल्लंघन पर ₹100000 से लेकर 10 लख रुपए तक का जुर्माना लगाए जाएंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

Private School News : नया कानून कैसे करेगा काम, जानिए नीचे की लेख में

बता दे कि अब स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए नियामक समिति से मंजूरी लेने बहुत ही जरूरी होगा। वही कोई भी स्कूल मनमाने चार्ज नहीं ले सकेंगे। बता दे की जेलों में कलेक्टर और राज्य स्तर पर शिक्षा मंत्री अध्यक्ष होगें। वही फीस स्ट्रक्चर को वेबसाइट/ पोर्टल पर अपलोड करने बहुत ही जरूरी है। जिससे अभिभावक पूरी जानकारी देख सकेंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

बता दे कि अगर स्कूल बिना मंजूरी फीस बढ़ाते हैं या फर्जी चार्ज लगते हैं तो तुरंत पेनल्टी लगेंगे और फीस भी लौटाने पड़ेंगे।

वही अभिभावक समूह शिकायत दर्ज करने का हक रखते हैं और त्वरित निपटारा संभव है। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

स्कूलों की जिम्मेदारियां

हर चार्ज

  • बता दे की ट्यूशन,एक्टिविटी, बिल्डिंग, ड्रेस अलग से विवरणित देने होंगे।
  • वही वेबसाइट पर फीस स्ट्रक्चर डालने बहुत ही जरूरी है।
  • बता दे कि बिना मंजूरी कोई बढ़ोतरी नहीं होंगे।
  • वहीं अभिभावकों के लिए शिकायत केंद्र बने हैं।
  • बता दे की फीस बढ़ोतरी से पहले कम से कम 6 महीने पहले प्रस्ताव देने हैं।

अभिभावकों के अधिकार

  • बता दे कि गलत शुल्क की शिकायत सीधे कर सकेंगे।
    वही शिकायत का त्वरित निपटारा किए जाएंगे।
  • बता दे कि अभिभावकों को नई फीस स्ट्रक्चर और फैसले की जानकारी मिलेगें।
  • वहीं यदि स्कूल नियमों का पालन नहीं करते हैं तो भारी जुर्माना और De – Recognition की कार्रवाई होगें।

प्राइवेट स्कूलों पर रोक , सरकार का बड़ा कदम

बता दे कि दिल्ली और छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेकर फीस लूट पर रोक लगाए हैं। वही पहले सिर्फ कुछ स्कूल ही रेगुलेशन में आते थे। वहीं अब सभी निजी स्कूलों पर यह नियम लागू किए जाएंगे।

वहीं इसके चलते एक सामान्य परिवार के बजट पर अब अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेंगे। बता देंगे ट्रांसपेरेंसी, जवाब देही और अभिभावकों की भागीदारी से शिक्षा का स्तर ऊपर उठेगे। इतना ही नहीं अब स्कूलों को पूरी तरह जवाबदेही के साथ काम करने होंगे।

विभिन्न राज्यों में व्यवस्था

  • बता दे की मध्य प्रदेश में 25000 से काम
  • सालाना फीस वाले स्कूलों को पोर्टल पर जानकारी देने की छूट हैं।
  • वही छत्तीसगढ़ में जिला और राज्य स्तर पर समितियां बने हैं।

वही दिल्ली में सभी 1700 निजी स्कूल कानून के दायरे में फीस बढ़ोतरी पर वीटो का अधिकार अभिभावकों को मिले हैं।

प्राइवेट स्कूल फीस नियम लागू होने के फायदे

  • बता दे की प्राइवेट स्कूल फीस नियम लागू होने की अनेक फायदे हैं जो नीचे निम्न है।
  • प्राइवेट स्कूल फीस नियम लागू होने से यह फायदा है की सालाना मनमानी फीस वृद्धि रुक गया है।
  • वहीं पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है।

अभिभावकों को शिकायत का अधिकार मिले हैं।

  • गोपनीयता और शुल्क ढांचे की जानकारी सार्वजनिक।
  • वही बच्चों की पढ़ाई जारी रखने की मजबूरी अब नहीं।

बता दे कि इन्हीं कदमों से उम्मीद है कि शिक्षा का स्तर और विश्वास से ऊंचा होगा और परिवारों पर बढ़ते वित्तीय दबाव में कमी आएंगे।

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